PMEGP लोन - प्रधानमत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) I स्वयं का उद्योग स्थापित करें और 35 % सरकारी अनुदान (Subsidy) प्राप्त करें.

 प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)



पीएमईजीपी योजना का परिचय:

                     सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2008-09 में केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में संचालित प्रधानमंत्री रोजगार योजना एवं ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम का विलय कर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (PMEGP) की शुरुआत की गयी है। इसका मुख्य लक्ष्य स्वरोजगार के माध्यम से बेरोजगारी को कम करना और नए व्यवसाय और स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है। यह योजना उन लोगों को बैंकों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो अपना स्वयं का सूक्ष्म उद्यम शुरू करना चाहते हैं।


पीएमईजीपी योजना का उद्देश्य:

                        प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (PMEGP) का मुख्य उद्देश्य नए रोजगार के नए अवसर पैदा करना, बैंकों के माध्यम से छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है। यह योजना विशेष रूप से बेरोजगार युवाओं, महिलाओं, एससी/एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों सहित सभी वर्गों के लिए फायदेमंद है।


प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (PMEGP) की मुख्य विशेषताएं:


परियोजना का आकार (ऋण सीमा):

  • सेवा क्षेत्र के लिए - अधिकतम रु. 20.00 लाख रुपये तक
  • विनिर्माण क्षेत्र के लिए - अधिकतम रु. 50.00 लाख रुपये तक 

वित्तीय सहायता:

                इस योजना के तहत सरकार बैंक द्वारा स्वीकृत परियोजना राशि पर निम्नानुसार क्रेडिट लिंक्ड अनुदान    प्रदान करती है -

  • सामान्य श्रेणी के लिए: ग्रामीण क्षेत्रों में 15% और शहरी क्षेत्रों में 25%।
  • एससी/एसटी/ओबीसी/महिला/अल्पसंख्यक/शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए: ग्रामीण क्षेत्रों में 25% और शहरी क्षेत्रों में 35%।

पात्रता:

  1. न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष है।
  2. उच्चतम आय सीमा में कोई प्रतिबंध नहीं है।
  3. सेवा क्षेत्र में 5.00 लाख रुपये और विनिर्माण क्षेत्र में 10.00 लाख रुपये से अधिक के ऋण के लिए कम से कम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
  4. योजना के तहत केवल नई परियोजनाएं ही पात्र हैं।

आवेदन कैसे करें: 

                आप केवीआईसी के ऑनलाइन पोर्टल https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/pmegphome/ index.jsp के माध्यम से पीएमईजीपी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं या आप अपने जिले के जिला उद्योग केंद्र, केवीआईबी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

आवश्यक दस्तावेज:

  1. आधार कार्ड (अनिवार्य)
  2. पासपोर्ट फोटो (अनिवार्य)
  3. प्रोजेक्ट रिपोर्ट (अनिवार्य)
  4. विशेष श्रेणी के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  5. ग्रामीण क्षेत्र प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  6. स्कोर कार्ड से संबंधित दस्तावेज

ऋण स्वीकृति: 

                बैंकों की वित्तपोषण शाखाएँ तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता के आधार पर परियोजना को मंजूरी देंगी।

स्वयं का अंशदान:

  • सामान्य श्रेणी के लिए - स्वीकृत परियोजना लागत का 10 प्रतिशत 
  • आरक्षित श्रेणी के लिए - स्वीकृत परियोजना लागत का 05प्रतिशत 

                ऋण स्वीकृति के बाद ऋण स्वीकृत करने वाली बैंक शाखा में स्वयं का अंशदान जमा करना होगा।


कौन आवेदन कर सकता है: 

                    केवल एकल स्वामित्व वाली इकाइयां ही आवेदन कर सकती हैं, निजी लिमिटेड, सहकारी, भागीदारी फर्म या अन्य समूह फर्म इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए पात्र नहीं हैं।

किस बैंक में आवेदन करें: 

                      सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), सहकारी बैंक, सिडबी और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित और संबंधित राज्य के एसएलएमसी द्वारा अनुमोदित निजी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक।

रोजगार के लिए मापदंड:

                        इस योजना के तहत मैदानी इलाकों में 3.00 लाख रुपये के स्थायी पूंजी निवेश पर 1 व्यक्ति और पहाड़ी इलाकों और अंडमान और निकोबार द्वीप और लक्षद्वीप में 4.50 लाख रुपये के स्थायी पूंजी निवेश पर 1 व्यक्ति को रोजगार देना अनिवार्य है।

ग्रामीण क्षेत्र कौन है:

                        राज्य सरकार/संघ शासित प्रदेश द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के रूप में घोषित क्षेत्र या सभी क्षेत्र, जनसंख्या की परवाह किए बिना पंचायत राज संस्थाएं 

उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम (ईडीपी): 

                        राशी रु. 05.00 लाख रुपये से कम की परियोजनाओं के लिए 05 दिन का उद्यमिता विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण तथा राशी रु. 05.00 लाख से अधिक की स्वीकृत परियोजना हेतु 10 दिवस का उद्यमिता विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण  अनिवार्य है। 2.00 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए ईडीपी प्रशिक्षण अनिवार्य नहीं है। उद्यमी विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण उद्यमी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन या आरएसईटीआई/आरयूडीएसईटीआई के माध्यम से ऑफलाइन किया जा सकता है।


क्या ऋण हेतु बंधक की आवश्यकता है:

                        भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत स्वीकृत 10.00 लाख रुपये तक के ऋण के लिए संपार्श्विक सुरक्षा की आवश्हैयकता नहीं है।


क्या कोई एक समय में एक से अधिक परियोजनाओं के लिए आवेदन कर सकता है:

                        योजना के तहत, एक परिवार से केवल एक व्यक्ति केवल एक परियोजना के लिए आवेदन कर सकता है।


परिवार में कौन-कौन शामिल हैं:

                        स्वयं और पति/पत्नी


सरकारी सब्सिडी राशि की लॉक-इन अवधि क्या है:

                        प्राप्त अनुदान राशि को स्वीकृतकर्ता बैंक द्वारा 03 वर्षों के लिए TDR के रूप में रखा जाएगा, जिस पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा और न ही बैंक उस ऋण राशि पर ब्याज लेगा। लॉक-इन अवधि पूरी होने, समायोजन पत्र प्राप्त होने तथा ऋण भुगतान के नियमित होने पर बैंक ऋण से सरकारी अनुदान की राशि समायोजित करेगा।


योजना के अंतर्गत नकारात्मक गतिविधियों की सूची: 

                           सूक्ष्म उद्यमों/परियोजनाओं/इकाइयों की स्थापना के लिए पीएमईजीपी के तहत गतिविधियों की निम्नलिखित सूची की अनुमति नहीं दी जाएगी।

i. मांस (वध) से जुड़ा कोई भी उद्योग/व्यवसाय, यानी प्रसंस्करण, डिब्बाबंदी और/या इससे बने खाद्य पदार्थों को भोजन के रूप में परोसना, बीड़ी/पान/सिगार/सिगरेट आदि मादक पदार्थों का उत्पादन/निर्माण या बिक्री। शराब परोसने वाले होटल या ढाबा या बिक्री केंद्र, कच्चे माल के रूप में तम्बाकू तैयार करना/उत्पादन करना, बिक्री के लिए ताड़ी निकालना आदि की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 (क) हालांकि, होटल/ढाबों में मांसाहारी भोजन परोसने/बेचने की अनुमति दी जाएगी।


ii. पर्यावरण या सामाजिक-आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय सरकार/प्राधिकरणों द्वारा प्रतिबंधित गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।


iii. 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथीन कैरी बैग का निर्माण तथा खाद्य सामग्री तथा अन्य किसी भी वस्तु के भंडारण, ले जाने, वितरण या पैकेजिंग के लिए पुनर्चक्रित प्लास्टिक से बने कैरी बैग या कंटेनर का निर्माण, जिससे पर्यावरण संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। पॉलीथीन कैरी बैग की मोटाई पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों तथा समय-समय पर किए जाने वाले संशोधनों के लिए जारी अधिसूचना द्वारा नियंत्रित होगी।


iv. चाय, कॉफी, रबर आदि फसलों/बागानों की खेती से जुड़ा कोई भी उद्योग/व्यवसाय। रेशम उत्पादन (कोकून पालन), बागवानी, पुष्प उत्पादन, पशुपालन की अनुमति नहीं होगी।


(क) हालांकि, इनके अंतर्गत मूल्य संवर्धन को पीएमईजीपी के अंतर्गत अनुमति दी जाएगी। रेशम उत्पादन, बागवानी, पुष्प उत्पादन आदि से संबंधित ऑफ फार्म/फार्म से जुड़ी गतिविधियों की अनुमति होगी।


पशुपालन से जुड़े निम्नलिखित उद्योग/व्यवसाय को भी अनुमति दी जाएगी:

(क) डेयरी-दूध तथा अन्य डेयरी उत्पाद, मुख्य रूप से गायों के माध्यम से, लेकिन भेड़, बकरी, ऊँट, भैंस, घोड़े और गधे के माध्यम से भी।

(ख) मुर्गी पालन-मुर्गी पालन, जो अंडे और मांस के लिए पाला जाता है, में मुर्गियाँ, टर्की, गीज़ और बत्तख शामिल हैं।

(ग) जलीय कृषि-यह मछली, मोलस्क, क्रस्टेशियन और जलीय पौधों सहित जलीय जीवों की खेती है।

(घ) कीट-मधुमक्खियाँ, रेशम पालन आदि शामिल हैं।

(विशेष मामले के रूप में सुअर पालन, जो पूर्वोत्तर में आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है, को भी केवल पूर्वोत्तर राज्यों में ही अनुमति दी जा सकती है)।

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